Wednesday, July 1, 2020

डॉक्टर्स सदैव प्रणम्य रहे हैं कोरोना संक्रमण ने उन्हें पूज्य बनाया

समूचे विश्व में जिन पेशों को प्रतिष्ठापूर्ण और सम्मान्य माना जाता है उनमें डॉक्टर्स का पेशा अग्रगण्य है.विश्व में कोरोना संक्रमण के समय तो डॉक्टर्स कोरोना योद्धा के रुप में अपनी सबसे अहम पहचान बना चुके हैं. डॉक्टर्स ने अपने काम से ये दर्जा हासिल किया है. चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर्स ने गहन शोध से कई  बीमारियों की रोकधाम और उनके उपचार के स्तुत्य प्रयास किये हैं.डॉक्टर्स के समर्पण, कार्य के प्रति निष्ठा, ईमानदारी, लगन और उनके सेवाभाव  को सम्मान देने के लिए और उनके अवदान की सराहना और उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के लिये प्रतिवर्ष 01 जुलाई को समूचे विश्व में डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.  केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ  हर्षवर्धन ने तो पिछले दिनों एक वेबीनार में कहा कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण की तो हम बिना चिकित्सकों के अवदान के कल्पना भी नहीं कर सकते हैं , सच तो यह है कि चिकित्सक तो हमारे देश में सदैव प्रणम्य रहे हैं मगर कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में उनकी अभूतपूर्व भूमिका ने उन्हें पूज्य बना दिया है.अपनी जान को जोखम में डालकर कोरोना पीड़ितों को बचाने में सन्नद्ध डॉक्टर्स सही मायनों में कोरोना योद्धा है.

भारत रत्न डॉ. बिधानचन्द्र रॉय की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिये मनाते हैं- डॉक्टर्स डे

भारत में डॉक्टर्स डे की शुरुआत वर्ष 1991 मे भारत सरकार द्वारा की गई थी . तब से हर साल जुलाई की पहली तारीख राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे के रूप में पहचानी जाती है . इस दिन को पूरे भारत में महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ.बिधानचन्द्र रॉय का सम्मान करने एवं उन्हें श्रद्धाँजलि देने के लिए सुनिश्चित किया गया.डॉ बिधानचंद्र रॉय का जन्म  01 जुलाई 1882 को बिहार के पटना शहर में हुआ था, और इसी दिन 80 साल बाद इनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कलकत्ता से अपना मेडिकल स्नातक का कोर्स पूरा करने के पश्चात वर्ष 1911 में आपने लंदन में एम.आर.सी.पी.और एफ.आर.सी.पी .डिग्री हासिल की और भारत वापस आकर उसी वर्ष उन्होंने भारत में एक चिकित्सक के रूप में अपना मेडिकल कैरियर शुरू किया.वे देश के एक प्रसिद्ध चिकित्सक और प्रसिद्ध शिक्षाविद के साथ- साथ स्वतंत्रता सेनानी भी थे उन्होंने महात्मा गाँधी के द्वारा किये गये आंदोलनों में हिस्सा लिया था और उनके द्वारा किये गये अनशन में उनकी देखभाल भी की . आजादी के बाद वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता बने और फिर बाद में वे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने. उन्हें वर्ष 1961 में भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था. इसके अलवा इनकी मृत्यु के बाद वर्ष 1976 में इन्हें याद करने के लिए डॉ बी सी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना भी की गई. यह पुरस्कार उन्हें सम्मान और  श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए था. अतः ऐसे महान व्यक्तित्व को सम्मान देने और याद करने के लिए ही डॉक्टर्स डे की शुरुआत की गई.      

डॉक्टर्स की भूमिका पर गँभीर विमर्श ही डॉक्टर्स डे का महत्वपूर्ण उद्देश्य है 

एक नागरिक और  एक स्वस्थ व्यक्ति के रुप में अपने परिवार, अपने समाज, अपने देश और मानवमात्र के लिये अपनी सार्थक भूमिका निभाने के लिये हर व्यक्ति को स्वस्थ रहना होता है और उसके स्वस्थ रहने की इस जरुरत को पूरा करने में उस व्यक्ति के जीवन में एक डॉक्टर अहम भूमिका निभाता है. जहाँ एक ओर लोगों के लिए डॉक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वहीं दूसरी ओर डॉक्टर्स भी अपने मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समूची गंभीरता के साथ पूरा करते हैं. ऐसे में उनका सम्मान हमारे लिए गर्व की बात होनी चाहिए. इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने डॉक्टर्स के सम्मान के लिये एक दिन मुकर्रर किया जो.डॉक्टर्स की भूमिका के प्रति एक जागरूकता अभियान के रूप में शुरू किया गया.यह एक वार्षिक उत्सव है जो आम लोगों को डॉक्टर्स की भूमिका, महत्व एवं उनके द्वारा की गई अनमोल देखभाल के बारे में जागरूक होने में मदद करता है. डॉक्टर्स के अवदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन का यह वार्षिक उत्सव सभी डॉक्टर्स के लिए प्रोत्साहन का दिन होता है. यह जागरूकता अभियान सभी डॉक्टर्स को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जिम्मेदारी के निर्वहन के प्रति सचेत भी करता है और जीवन रक्षा के ध्येय के प्रति समर्पण की प्रेरणा देता है.यह दिन उनके प्यार, स्नेह और रोगियों की अनमोल देखभाल के प्रति उनके समर्पण भाव के लिए धन्यवाद देने का  दिन  होता है. इसलिए इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है.      



कोरोना पर केन्द्रित है इस वर्ष की थीम

वर्ष 2020 में डॉक्टर्स डे की थीम है -"कोरोना वायरस से आपको बचाते समय उच्च जोखिम में होते हैं डॉक्टर्स फिर भी वो कोरोना संक्रमण की मृत्यु दर को   कम करने में जुटे हैं " वस्तुत: कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के  दौरान कैसे डॉक्टर अपनी जान पर खेलकर मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, उन्हें ठीक कर रहे हैं यह गौरव की बात है अत: हम सबको उनका अभिनन्दन करते हुए उन्हें शुभकामनाएँ देना चाहिए . कोरोना काल में जिस तरह डॉक्टर्स मरीजों के लिए हर संभव कोशिश कर रहे उसके परिप्रेक्ष्य में यह दिन खास है और स्वयम्  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्विटर पर एक वीडियो में  डॉक्टर्स को धन्यवाद दिया है उन्होंने कहा है कि भारत डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को सलाम करता है जो कोरोना से जंग में सबसे आगे हैं।

बहुआयामी आयोजन के साथ मनाया जाता है डॉक्टर्स डे

डॉक्टर्स के अमूल्य योगदान से परिचित होने और
उनके अवदान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये विभिन्न
व्यक्ति और संगठन इस दिन कई आयोजन करते हैं
मुख्य रुप से  सरकारी और निजी स्वास्थ्य संगठनों में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इसे विशेष रूप से उत्तरी कोलकाता एवं उत्तर – पूर्वी कोलकाता सामाजिक एवं कल्याण संगठनों और रोटरी क्लब द्वारा मनाया जाता है .डॉक्टर्स डे पर हर साल यहाँ भव्य आयोजन होता है. इस दिन चिकित्सा पेशे से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे स्वास्थ्य जाँच, इलाज, रोकथाम, रोग का उचित उपचार आदि मुद्दों  पर व्यापक  चर्चा और गहन विमर्श करने से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.इस दिन स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले  संगठनों द्वारा कई स्वास्थ्य केन्द्रों और सार्वजनिक स्थानों पर आम जनता के लिए कुछ चिकित्सा जाँच शिविर आयोजित किये जाते हैं, जो बिलकुल मुफ्त होते हैं.इसके अलावा इस दिन गरीबों एवं वरिष्ठ नागरिकों के बीच स्वास्थ्य की स्थिति, स्वास्थ्य को लेकर जरुरी विमर्श, स्वास्थ्य के लिये पोषण से जुड़ी सलाह पुरानी बीमारियों के  प्रति जागरूकता का आकलन करने के लिए जनरल स्क्रीनिंग टेस्ट शिविर भी आयोजित किये जाते हैं. हर किसी के जीवन में डॉक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में जागरूक करने के लिए मुफ्त में ब्लड टेस्ट, रैंडम शुगर टेस्ट, ईसीजी, ईईजी, ब्लड प्रेशर चेकअप आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाता है. युवा छात्रों को डेडीकेटेड मेडिकल प्रोफेशन की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के स्तर पर कुछ गतिविधियाँ आयोजित की जाती है, मेडिकल टॉपिक्स पर चर्चा, क्विज प्रतियोगिता, खेल गतिविधियाँ, मेडिकल प्रोफेशन को मजबूत और अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए नई और प्रभावी शैक्षिक रणनीतियाँ लागू करना एवं क्रिएटिव ज्ञान के लिए छात्रों को वैज्ञानिक उपकरण का लाभ पहुँचाने की बात भी की जाती है.हर साल जुलाई की 01 तारीख को अधिकतर मरीज अपने डॉक्टर्स को धन्यवाद करते हुए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड्स, प्रशंसा कार्ड, ई कार्ड्स, फूलों के गुलदस्ते, मेल के माध्यम से ग्रीटिंग मैसेज आदि देते हैं. स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों, नर्सिंग होम या डॉक्टर्स द्वारा घरों पर विशेष मीटिंग, पार्टी एवं डिनर का आयोजन किया जाता है, ताकि मेडिकल प्रोफेशन के लिए डॉक्टर्स के दिन और उनके योगदान के महत्व को याद किया जा सके. इस तरह से इस विशेष दिन को अलग – अलग तरह के आयोजन कर मनाया जाता है.

इस वर्ष वीडियो काँन्फ्रेंसिंग वेबीनार और वर्च्युअल बैठकें ही होंगी

कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार देश के अलग अलग हिस्सों में सेमिनार, सभा, समारोह आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा। डॉक्टरों द्वारा हर स्तर पर की जा रही कोशिशों के लिए उनका सम्मान करना जरुरी है अत:डॉक्टरों की हौसलाअफजाई के लिए इस साल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा राज्य-स्तरीय वेबिनार और वर्चुअल बैठकें आयोजित की जाएंगी। इस बीच जनप्रतिनिधि और विशेष शख्सियत उन अस्पतालों में जाकर डॉक्टर्स का अभिनन्दन करेंगी. कुछ वेबीनार कोरोना के उपचार के लिये बनने वाली दवाओं और निर्माणाधीन वैक्सीन पर भी होंगी. इस दिन कोरोना संक्रमण के नियंत्रण में लगे डॉक्टर्स की प्रेरक कथाएँ भी मीडिया पर जारी की जायेंगी. इस दिन कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण में डॉक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना भी की जायेगी.

राजा दुबे

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