शाहिद के नाम आर... राजकुमार |
शाहिद कपूर एक ऐसे अभिनेता है जिनके प्रति
अधिकांश दर्शकों की कोई राय ही नहीं हैं। ना तो वो पसंदीदा है, ना ही कोई उन्हें
नापसंद करता है। ऐसे में आर... राजकुमार उनके बारे राय बनाने के लिए, सकारात्मक
राय बनाने के लिए एक अच्छी फिल्म हैं। फिल्म की कोई कहानी नहीं हैं। फिल्म में
केवल मार.. मार.. मार.. और मुंह पर चढ़ जानेवालों गानों की बौछार... बौछार...
बौछार... है। शाहिद को पूरा एक दशक लग गया खुद के दम पर फिल्म को हिट करवाने में।
खुशी की बात ये है कि ऐसा हो गया। वर्ना ऐसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं की लंबी लिस्ट
है जो खुद के दम पर कुछ नहीं कर पाए और अंत में दूसरी पायदान पर आ गए। आर..
राजकुमार शाहिद के कॉमिक टाइमिंग को उभारती है। उनका लुक उन्हें बच्चे से बड़ा
बनाता हैं (शाहिद को भी अनिल कपूर की तरह मैच्योर लगने के लिए दाढ़ी उगानी पड़ गई।)
शाहिद बेहतरीन डांसर है और प्रभुदेवा के साथ ने उसे निखार दिया है। इस फिल्म के
चलते शाहिद अब मेरे पसंदीदा अभिनेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। फिल्म में
समीक्षा के लिए कुछ नहीं है। बस शाहिद है जिनके बारे में बात की जा सकती है। मेरे
मुताबिक मार खा-खाकर प्यार के लिए उठने की कला में शाहरुख माहिर है। शाहरुख जब मार
खा-खाकर हिरोइन को देखकर फिर गुंडों की पिटाई करते हैं वो अल्टीमेट होता हैं।
शाहरुख के बाद इस फिल्म में शाहिद को ऐसा करते देख मुझे मज़ा आया। और, अच्छी बात
ये कि शाहरुख से बहुत ज़्यादा तुल्ना के बावजूद शाहिद कही शाहरुख की नकल करते नहीं
दिखे।
अंत में आर राजकुमार का हिट होना ये साबित करता
है कि दर्शकों को बीच-बीच में बिना सिर-पैर की फिल्में पसंद आती हैं भले ही उसमें
कोई बड़ा सितारा ना हो। दबंग की तरह भले ही इस फिल्म ने सौ करोड़ ना कमाएं हो
लेकिन, ये फिल्म मसाले के मामले में उसको टक्कर देती हैं। और, मैं उम्मीद करती हूँ
कि सोनू सूद को जल्द ही उनके व्यक्तित्व और अभिनय क्षमता के हिसाब का रोल मिलेगा।
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