मेरी ये पोस्ट उन लोगों के लिए जोकि मेरी तरह अपनी तबीयत के बारे में लापरवाह हैं और डॉक्टर के पास जाने से क़तराते हैं।
हैमब्रेज शब्द सुनकर पहला ख्याल जो दिमाग में आता है वो है आईसीयू। मरीज़ बिस्तर पर लेटा है और दो या चार नलियाँ उसके शरीर में लगी हुई हैं। लेकिन, कुछ हैमब्रेज ऐसे नहीं भी होते हैं ये बात मुझे कुछ दिन पहले मालूम हुई। दरअसल दिल्ली की इस ठंड का अदांज़ा मुझे कुछ कम था। ऐसे मैं अपने भोपाली अंदाज़ में ही रह रही थी। इसका नतीज़ा ये हुआ कि मुझे भंयकर सर्दी हो गई। रातभर खांसना और नाक का लगातार बहना। आवाज़ ऐसी कि एक बार में सामनेवाला कुछ समझ ही ना पाएं। इसके बाद हुआ कंजेक्टिव आइटिस। मुझे लगता था ये केवल गर्मियों में होता हैं। सो मुझे लगा कि आंखों का कोई इन्फ़ेक्शन हैं। हुआ भी अजीब तरीक़े से पहले एक आंख में फिर दूसरी में। खैर, सब कुछ मेडिकल स्टोरवाल भैया कि बताई दवाइयों से ठीक होता रहा। लेकिन, फिर अचानक मेरी एक आंख आधी लाल हो गई। ऐसी कि खून उतर आया हो। लोगों ने टोकना शुरु कर दिया। तब लगाकि डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसके बाद बहुत मुश्किल से मैं डॉक्टर के पास गई तो मालूम चलाकि मेरी आंख में हैमब्रेज हो गया है। आंखों की कुछ नसें फट गई हैं और ये लाल आंख उसी का नतीज़ा है। मैं डर गई। डॉक्टर ने कहा कि डरने की बात नहीं हैं और कुछ हफ़्तों में ये ठीक हो जाएगा बशर्तें मैं आंख का ध्यान रखूं और दवाई लगातार डालूं। अब आंख बेहतर हैं और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी। मुझे अफसोस है कि पहले ही मैं डॉक्टर के पास नहीं गई। अगर गई होती तो शायद इतना कुछ नहीं होता।
4 comments:
सही कह रही हैं आप. आमतौर पर मैं भी यही करता हूँ. करीब दस दिन पहले जब थोडा बुखार जैसा महसूस हुआ तो केमिस्ट से दवा ले ली... पर हालत बिगडती ही गयी तो हॉस्पिटल जाने का ख्याल आया, और अब पिछले ४ दिनों से बेड पर हूँ.
अच्छी बात है कि आप स्वस्थ हैं अब।
हैम ब्रेज लिखा देख के थोड़ा अजीब लगा जो कि अंग्रेजी मे Hemorrhage लिखा जाता है।
अनुभव बाँटने के लिये धन्यवाद।
कोई बात नहीं दिप्ती अब ध्यान दें ..
हैमरेज तो शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है, जिस भाग में रक्त उपस्थित हो.
त्वचा के नीचे तेज लाली का आना भी एक किस्म का हैमरेज ही होता है.
ब्रेन हैमरेज के कारण यह शब्द बहुत भयानक हो गया है.
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