Monday, December 21, 2009
सोशल वेबसाइट्स प्रेमियों के लिए...
आर्कुट और फ़ेसबुक प्रेमियों के लिए ये ख़बर दिलचस्प हो सकती है। हाल ही में हुए सर्वेक्षण के मुताबिक़ विभिन्न कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी अपने काम के समय में से लगभग 12.5 प्रतिशत हिस्सा व्यर्थ गंवा देते हैं। ये समय वो बरबाद करते हैं सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर। ये वेब साइट्स हैं- फ़ेसबुक, ऑर्कुट, माईस्पेस। भारतीय कंपनियों के संगठन, एसोचैम की ओर से करवाए गए इस सर्वेक्षण के मुताबिक़ लगभग हर कंपनी के कर्मचारी कम से कम एक घंटा रोज़ाना इस तरह की वेबसाइट्स से चिपके रहते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि कंपनियों में काम करनेवाले अपने वर्किंग ऑवर्स से एक घंटे कम काम करते हैं। ये सर्वेक्षण दिल्ली, चंडीगढ़, अहमदाबाद, कोच्चि, देहरादून जैसे शहरों में 4000 कर्मचारियों से बातचीत पर आधारित है। एसोचैम इस बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा- कि अधिकतर कंपनियों में कर्मचारी इस तरह की वेबसाइट्स पर समय बर्बाद करते हैं। वे इसे ख़तरनाक भी मानते हैं। सर्वे के मुताबिक़ कुछ दूरसंचार कंपनियों ने इस तरह की वेबसाइट्स पर समय बर्बाद करने वाले कर्मचारियों पर नज़र रखने के लिए सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने शुरु कर दिए हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक़ लगभग सभी कंपनियों के 82 प्रतिशत कर्मचारियों का फ़ेसबुक पर एकाउंट है। सर्वेक्षण से मालूम चलता है कि इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में से 84 प्रतिशत लोग इसके इस क़दर आदी हैं कि अगर उन्हें इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए कोई किसी वजह से टोक दे तो वे भड़क जाते हैं। हालांकि इस सर्वे से इतर ये सामाजिक वेबसाइट्स पुराने दोस्तों से फिर मिलने के साथ-साथ नए दोस्त बनाने का अड्डा भी है। यहाँ लोग कई मुद्दों पर बहस भी करते हैं। अपने बारे में कई बातें जोकि उन्होंने कभी किसी से न की हो उन्हें लोगों से बांटते भी हैं। ऐसे में कंपनियों में किए गए इस सर्वे का असर इसे इस्तेमाल करनेवालों पर कैसा होगा इससे दिलचस्प ये देखना होगा कि कंपनियाँ इसके बाबत क्या करती हैं। हालांकि कई ऑफिसेस् में ऐसी वेबसाइट्स पहले से ही ब्लॉक हैं।
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इंटरनेट की खिड़की से
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1 comment:
एक बात याद आ गई.. मेरे कालेज कैंपस में औरेकल आयी थी.. उसके एच आर ने जो सबसे पहली बात कही थी वह यह की आज औरेकल उन चंद गिनी-चुनी कंपनियों में से है जहां अगर आप अपने मैनेजर के सामने औरकुट चेक कर रहे हैं तो कोई गुनाह नहीं कर रहे हैं.. क्योंकि वहां हमें इससे कोई मतलब नहीं है कि आप क्या कर रहे हैं, हमें तो बस इस बात से मतलब है कि आपको जो काम दिया गया है वह आप पूरा कर रहे हैं या नहीं.. चाहे 1 घंटे में आप काम करके 7 घंटे औरकुट पर चैटिंग करें, या यूट्यूब पर सिनेमा देखें.. हमें उससे कोई मतलब नहीं है..
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