अब तक बादलों को बरस जाना चाहिए था. काले घनेरे मेघों को आसमान में छाकर सूरज की 44-45 डिग्री की चिलचिलाती गर्मी से परेशां लोगों को राहत पहुंचानी चाहिए थी.. लेकिन बादल तो अब तक नहीं आये है. मानसून देश में तो आ गया है लेकिन उसकी रफ़्तार बहुत धीमी है. मौसम विभाग के मुताबिक जून के शुरूआती हफ्तों में दिल्ली तक पहुँच जाने वाला मानसून अब जुलाई की शुरुआत में आएगा. दिल्ली के साथ-साथ उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार समेत सभी प्रदेश के लोगों में भी भारी बेचैनी है. सबको झमाझम बरसात का इंतज़ार है. लेकिन बादलों को न जाने क्या नाराज़गी है की आ ही नहीं रहे... उत्तर प्रदेश को सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया गया है.. कमोबेश यही हाल बाकि प्रदेशों का भी है. भोपाल की बड़ी झील लगभग सूख चुकी है.. इंदौर में पानी के लिए खून बहाए जा रहे है.. राजधानी दिल्ली में भी लोगों का बुरा हाल है.. अगर जल्द ही बारिश ने धरती की प्यास नहीं बुझाई तो गर्मी के साथ-साथ हमारे सामने पेयजल की भी गंभीर समस्या आन कड़ी होगी. यही नहीं खेतों में लगी फसल बारिश के बिना सूख रही हैं. इन्द्र देव मेहरबान हो इसके लिए लोग प्रार्थनाएं कर रहे हैं.
हमारी भी ऊपर वाले से बस यदि दुआ है... अल्लाह मेघ दे..पानी दे...
Wednesday, June 24, 2009
बारिश की बाट जोहते...
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मेघा रे...
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5 comments:
आमीन..
रागिनी भारद्वाज
दुआ में हमें भी शामिल मानिये.
हम भी प्रार्थना कर ही रहे हैं ।
अपना भी इधर यही हाल है...दुआ में एक ऍप्लिकेशन अपनी भी..
इंतज़ार तो सबको है....
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