बैंक या एटीएम से पैसे निकालने के बाद अगर आपको कोई लूट ले तो गलती आपकी है। क्यों आप इतने पैसे लेकर चल रहे थे या फिर ये भी कहा जा सकता है कि आपके पास इतना पैसा आए ही क्यों। अगर आपके घर में डकैती पड़ जाए तब भी आप ही ज़िम्मेदार हैं। आपको घर की रक्षा करना आना चाहिए था, आप यूँ बेपरवाह कैसे रह सकते हैं। अगर आप बम के धमाके में मर गए तो गलती है आपकी क्यों आप घर से बाहर निकले, बड़े घुम्मकड़ बनते हैं। उम्मीद है कि शायद ये सभी दिल्ली की मुख्यमंत्री के आगामी बयान हो...
सौम्या की मौत पर आए मुख्यमंत्रीजी के बयान से तो कुछ ऐसा ही लगता है। मुख्यमंत्री ख़ुद एक महिला है, कामकाजी है, दिल्ली के हालातों से वाकिफ है। इस सबके बावजूद उनका ये बयान शर्मनाक है। उनके मुंह से ये सुनकर कुछ ऐसा लगा जैसे कि दिल्ली की मुख्यमंत्री नहीं बल्कि किसी छोटे से शहर में रहनेवाली, कभी घर से अकेले न निकलने वाली कोई महिला ये कह रही हो। ये पहली बार नहीं जब मुख्यमंत्रीजी ने ऐसा कोई सूक्ति वाक्य कहा हो। इसके पहले भी ब्लू लाईन बसों के संबंध में भी उनका बयान इतना ही बेतुका था। मैडमजी ने मुताबिक़ पैदल यात्रियों को ही चलना नहीं आता है। इन बयानों के ज़रिए मुख्यमंत्रीजी कुछ बहुत ही गूढ़ बात हम लोगों को समझाना चाहती है शायद वो ये कि -
देश की राजधानी चोर, लूटेरों, बलात्कारियों और आतंकियों के लिए है। उन्हें अपनी गतिविधियाँ चलाने के लिए जगह, वक़्त और हर तरह की सुविधाएं यहाँ मुहैया करवाई जाती है। अगर आप इस शहर में रहना चाहते हैं तो या तो इनमें से एक बन जाइए और अगर शरीफ़ बनकर रहने की बेतुकी ज़िद नहीं छोड़ना है तो चुपचाप सब कुछ भुगते जाइए.... शिकायत मत कीजिए...
4 comments:
हम सब जनता आपकी पीड़ा को समझ सकते हैं।
ये दिन भी आएगा जब आपको अपनी सुरक्षा के लिए अलग से टैक्स भरना पड़ेगा ,ओर शायद ऍप्लिकेशन भी लिखनी पड़े
Is desh ka kuch nahi ho sakta.. apne PM saheb kitni mehnat se no-clear energy ke liye haath pao mar rahe ho or janta hai ki wahi chooti choti baaton ka rona roti raheti hai...:-(
Sab galti janta ki hi hai, warna netao ke plan ke mutabik desh kab ka mahasakti ban gaya hota..:-D
सभी गलती जनता की होती है .
जनता ने उनको चुना यह भी जनता की गलती है .
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